Union Budget
इस रूप में यह बजट सरकार की पॉलिटकल इकॉनमी को भी और मजबूत करता है। मोदी सरकार की पॉलिटिकल इकॉनमी इजारेदार क्रोनी पूंजी और हिंदुत्व के भावनात्मक माहौल पर टिकी हुई है।
केंद्र सरकार के बजट में मध्य प्रदेश की केन बेतवा लिंक परियोजना पर 44 हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च की जानी हैI
देश की अर्थव्यवस्था के प्रति सरकार का कैसा लापरवाह नजरिया है, इसकी एक मिसाल भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार पद के प्रति उसका रुख है।
वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जम कर तारीफ की और कहा कि यह नया विश्वास लेकर आया है।
उन्होंने कहा कि अब यह 100 पर भारत है, हमें ‘अच्छे दिनों’ के आने के लिए 25 साल और इंतजार करना होगा
उन्होंने जीडीपी वृद्धि को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चैंपियन बनाने के लिए एक अलग बजट शीर्ष की भी मांग की है।
संसद भाग 1 का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगा। बजट 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इस साल के केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य के लिए आवंटन “अभूतपूर्व” रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि केंद्रीय बजट 2021-2022 ने भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए गति प्रदान की है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस बार उनका बजट सौ साल में एक बार आने वाले बजट की तरह होगा यानी ऐतिहासिक, अभूतपूर्व होगा।
आज यह माना जा रहा है कि इस साल का बजट चमत्कारी होगा, क्योंकि देश जिन मुसीबतों में से इस साल गुजरा हैं, वे असाधारण हैं।
एक वक्त केंद्र सरकार का बजट कई दिनों पहले से टीवी चैनलों पर बहस, सुर्खियों, अनुमानों, अर्थशास्त्रियों के सुझावों-विश्लेषणों का पूर्व माहौल लिए होता था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट पर चर्चा करने के लिए एक दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी पहुंचीं।
संसद का यह सत्र तूफानी होनेवाला है, इसमें किसी को ज़रा-सा भी शक नहीं है। राष्ट्रपति के भाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों ने जो हंगामा मचाया, वह आनेवाले कल की सादी-सी बानगी है। एक अर्थ में यह सत्र तूफानी से भी ज्यादा भयंकर सिद्ध हो सकता है। अब से 50-55 साल पहले इंदिराजी के कई सत्रों को डाॅ. लोहिया और मधु लिमये के द्वारा तूफानी बनते हुए मैंने देखे हैं लेकिन यह 31 बैठकों का सत्र ऐसा होगा, जो मोदी ने कभी न पहले गुजरात में देखा होगा और न ही दिल्ली में देखा है। यह सत्र तय करेगा कि मोदी की सरकार अगले पांच साल कैसे चलेगी ? चलेगी या नहीं भी चलेगी ? देश में मचे हुए कोहराम को वह रोक पाएगी या नहीं। यह कोहराम और इसके साथ गिरती हुई आर्थिक हालत अगले छह माह में इस जबर्दस्त राष्ट्रवादी सरकार की दाल पतली कर देगी। भाजपा और संघ में जो गंभीर और दूरदृष्टि संपन्न लोग हैं, उनकी चिंता दिनोंदिन बढ़ रही है। वे अभी तक चुप हैं लेकिन वे वैसे कब तक रह पाएंगे ? भाजपा के समर्थक और गठबंधन के दल भी सरकार की ‘मजहबी-नीति’ का विरोध कर रहे हैं। वे नए नागरिकता कानून में संशोधन… Continue reading संसद का यह तूफानी सत्र
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत होगी और इसके अगले दिन यानी शनिवार को बजट पेश किया जाएगा। उससे पहले गुरुवार को सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी पार्टियों ने नागरिकता कानून से लेकर कश्मीर और अर्थव्यवस्था के मसले पर चर्चा की मांग की। विपक्ष की राय सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। बजट सत्र से एक दिन पहले गुरुवार को विपक्ष ने सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कश्मीर की स्थिति, महंगाई, किसानों की समस्याओं सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने संसद सत्र को सफल बनाने के लिए विपक्ष से सहयोग भी मांगा। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया- प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर सार्थक और समृद्ध चर्चा होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था को दुनिया के संदर्भ में देखें कि भारत इसका फायदा कैसे उठा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री… Continue reading संसद का बजट सत्र आज से