Wednesday

30-04-2025 Vol 19

कांग्रेस के जिताऊ उम्मीदवार पहले मैदान में

1181 Views

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस अब उम्मीदवारों को मैदान में जल्द उतरना चाहती है। भाजपा ने जहां हारी हुई सीटों पर 39 प्रत्याशी घोषित करके शुरुआत की है, वहीं कांग्रेस जिन सीटों को जीता हुआ मान रही है ऐसी 100 सीटों पर 12 सितंबर के बाद कभी भी घोषणा कर सकती है।

दरअसल, राजनीति में सभी का एकमात्र लक्ष्य चुनाव जीतना होता है लेकिन इसके लिए अलग-अलग रणनीति पर काम करते हैं। प्रदेश में भी भाजपा और कांग्रेस हर हाल में चुनाव जीतने के उद्देश्य को लेकर बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कसरत कर रहे हैं। एक – दूसरे की काट ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और अलग से अपनी रणनीति बनाने का हुनर भी दिखा रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस की तीन दिन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मैराथन बैठक चली। जिसमें प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और भंवर जितेंद्र सिंह ने संगठन प्रभारी जिला अध्यक्ष सहित संभावित प्रत्याशियों से चर्चा की मुलाकात की और बुधवार शाम को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर चुनाव अभियान समिति की बैठक हुई। इस कवायद के बाद माना जा रहा है कि पार्टी ने लगभग 100 सीटों पर प्रत्याशियों की सिंगल नाम तय कर लिए हैं। इन सीटों को पार्टी जीता हुआ मान रही है। इसमें पूर्व मंत्री भी ह,ै वर्तमान विधायक हैं और जो सीटें पिछले चुनाव में बहुत कम मतों से हारी थी वह भी शामिल है। इन पर सभी नेताओं की सभी पहलुओं पर चर्चा हो चुकी है।

यह 100 सीटें ऐसी है जिस पर पार्टी पदाधिकारी की राय और सर्वे रिपोर्ट आपस में एक ही ध्वनि निकल रहे हैं कि यह प्रत्याशी चुनाव जीत जाएंगे। माना जा रहा है कि 12 सितंबर को दिल्ली में सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी जिसमें प्रदेश के 100 प्रत्याशियों को हरी झंडी मिल जाएगी और उसके बाद कभी भी सूची जारी हो जाएगी और इसके बाद कांग्रेस दो बार में 50-50 और आखिरी सूची 30 नाम की होगी। इन सीटों पर पार्टी उम्मीदवार तय कर लेगी। उन्हें इशारा भी कर देगी लेकिन भाजपा की सूची आने के बाद कुछ सीटों पर परिवर्तन भी हो सकता है। खासकर भाजपा के किसी बड़े नेता को यदि पार्टी टिकट नहीं देती है और वह कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहता है तो पार्टी अपने दावेदार को पीछे करके उसकी टिकट दे देगी जो सीट जीतने के साथ-साथ आसपास की ओर सीटों पर भी प्रभाव रखता हो।

कुल मिलाकर भाजपा ने जहां उन सीटों पर 39 प्रत्याशी पहले घोषित किया जहां भाजपा पिछले चुनाव में हार गई थी और दूसरी सूची भी 64 प्रत्याशियों की ऐसी ही सीटों पर आएगी लेकिन कांग्रेस की रणनीति इसके उलट है। वह सबसे पहले कौन सौ सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने जा रही है जहां वह पार्टी की जीत सुनिश्चित मान रही है। दोनों ही प्रमुख दलों में जिस तरह से प्रत्याशी चयन को लेकर कसरत की जा रही है। सतर्कता और सावधानी बढ़ती जा रही है। उससे बेहतर प्रत्याशियों के मैदान में आने की संभावनाएं बढ़ गई है लेकिन दोनों ही दलों में जिस तरह से दावेदार टिकट के लिए बेताब है उससे अंतिम दौर में बगावत की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

देवदत्त दुबे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *