हर सप्ताह, हर दिन अब नरेंद्र मोदी के चौंकाते भाषण हैं। अब की बार 400 सौ पार के जुमले से महिलाओं के मंगलसूत्र छीने जाने, फिर पाकिस्तान और राहुल गांधी के साथ पाकिस्तान को जोड़ते-जोड़ते नरेंद्र मोदी इस सप्ताह अंबानी-अडानी से राहुल को जोड़ बैठे। निश्चित ही यह मतदाताओं की लगातार बेरूखी से बढ़ता पैनिक है। यदि नरेंद्र मोदी की घबराहट, भाव-भंगिमा को पैमाना मानें तो अनुमान टेबल में भाजपा का तब क्या बनेगा? भाजपा का हर नैरेटिव फेल है। मंगलवार को तीसरे चरण के मतदान में मतदाताओं की बेरूखी वापिस जाहिर हुई। इस सप्ताह की टेबल में महाराष्ट्र को ले कर चेंज है। बाकी यथास्थिति। इस सप्ताह के अनुमान में एनडीए की 266 (इसमें भाजपा की 240 व सहयोगियों की 26) सीटों का अनुमान है वही एनडीए विरोधीसभी पार्टियों का कुल अनुमान 274 सीटों का।




मतदाता के बेमन वोट से घबराहट!

हरिशंकर व्यास
मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -
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