बृहन्नमुंबई महा नगरपालिका यानी बीएमसी का चुनाव अब होने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी समय सीमा तय कर दी है और इस बार समय सीमा का उल्लंघन नहीं होगा। ऐसा लग रहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन यानी महायुति में चल रही खींचतान के बीच यह सहमति बन गई है कि बीएमसी के चुनाव में गठबंधन बना रहेगा यानी तीनों पार्टियां अलग अलग चुनाव नहीं लड़ेंगी। दूसरी ओर विपक्ष के महाविकास अघाड़ी में सबके अलग अलग चुनाव लड़ने की चर्चा है। कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिव सेना अलग लड़ेंगे। उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन बनाया है।
सत्तारूढ़ गठबंधन में भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच जबरदस्त खींचतान है और भाजपा के केंद्रीय नेता दोनों के बीच संतुलन बनाए हुए हैं। अब खुद फड़नवीस ने कहा है कि महायुति की पार्टियां साथ मिल कर लड़ेंगी। हालांकि सबको पता है कि मुंबई महानगर में एकनाथ शिंदे का कोई आधार नहीं है और न अजित पवार का है। तभी कहा जा रहा है कि शिंदे को ठाणे में खुली छूट रहेगी और उनके ज्यादा उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे तो कोल्हापुर, पुणे आदि में अजित पवार के ज्यादा उम्मीदवार लड़ेंगे। मुंबई और नागपुर सहित कुछ अन्य शहरों में भाजपा के ज्यादा उम्मीदवार लड़ेंगे। बताया जा रहा है कि केंद्र की ओर से यह फॉर्मूला तय किया गया है कि जिस पार्टी का जिस इलाके में अच्छा असर है वहां वह गठबंधन का नेतृत्व करे। गौरतलब है कि कोई तीन दशक में पहली बार भाजपा बीएमसी में पर नियंत्रण की संभावना देख रही है।