भारतीय जनता पार्टी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बड़ा नैरेटिव क्रिएट किया था। छह और सात मई की रात को हुए सैन्य अभियान की प्रेस ब्रीफिंग के लिए सरकार ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी औरर वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को बैठाया। यह बहुत कमाल का फैसला था।
पूरे देश में इसकी तारीफ हुई। सैन्य कार्रवाई का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखने और दो महिला सैन्य अधिकारियों से प्रेस ब्रीफिंग कराने का मामला सचमुच मास्टरस्ट्रोक था। उनमें से एक महिला मुस्लिम थी, जो हिंदी बोल रही थी और दूसरी महिला अंग्रेजी बोल रही थी। इसका मैसेज बहुत दूर तक गया था। लेकिन भाजपा के ही नेताओं ने इस नैरेटिव को भटका दिया।
भाजपा ऑपरेशन सिंदूर विवाद गहरा
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर बहुत ही खराब टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने भारत के लोगों को मारा तो भारत ने आतंकवादियों की बहन को ही भेज कर उनको मटियामेट किया। वे अब चाहे जितनी माफी मांगें लेकिन भाजपा का मैसेज बेकार हो गया। यह धारणा बनी कि भाजपा के लोग मुस्लिम नैरेटिव से आगे नहीं बढ़ रहे हैं और कर्नल सोफिया कुरैशी का भी कोई ज्यादा मतलब नहीं है।
इसके बाद मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बयान दिया कि सेना, सैनिक और देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी तिरंगा यात्रा निकाल कर सेना के शौर्य की तारीफ कर रही है वही उसके एक मंत्री ने सेना को नतमस्तक कर दिया। ऐसे ही राजस्थान के एक भाजपा विधायक का तिरंगा यात्रा के दौरान तिरंगे से ही मुंह पोंछने का वीडियो वायरल हो गया।
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