Pappu Yadav

  • कन्हैया के लिए दिल्ली बैठेंगे पप्पू यादव

    पूर्व सांसद पप्पू यादव पूर्णिया में निर्दलीय चुनाव लड़े और राजद व तेजस्वी यादव के तमाम दबाव के बावजूद कांग्रेस ने उनको पार्टी से नहीं निकाला। हालांकि बाद में कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पप्पू यादव की पार्टी का आधिकारिक रूप से कांग्रेस में विलय नहीं हुआ था इसलिए पार्टी से निकालने का सवाल नहीं उठता है। लेकिन हकीकत यह है कि वे कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए हैं और उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद भी हैं। बहरहाल, पूर्णिया का चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस की ओर से पप्पू यादव को कहा गया है...

  • तेजस्वी को पप्पू यादव ने बताया बिच्छू

    पूर्णिया। पूर्णिया में चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने बीते सोमवार को इंडिया गठबंधन की ओर से प्रत्याशी बीमा भारती के समर्थन में चुनाव प्रचार किया था। इस दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया था कि इंडिया गठबंधन का समर्थन नहीं कर चाहते हैं, तो कोई बात नहीं, एनडीए को कीजिए। उनके इसी बयान पर अब सियासी घमासान शुरू हो गया है। Pappu Yadav दरअसल, सियासी गलियारों में चर्चा है कि अब तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने यह बयान पप्पू यादव को पराजित...

  • कितनी पार्टियों का कांग्रेस में विलय

    लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की बहुत चर्चा रही। अनेक बड़े नेता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले गए। लेकिन दूसरी ओर पिछले करीब एक साल में आधा दर्जन छोड़ी बड़ी पार्टियों का कांग्रेस में विलय हुआ है। स्वतंत्र रूप से राजनीति करने वाले अनेक मजबूत नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश से लेकर जम्मू कश्मीर और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश तक इन पार्टियों का कम या ज्यादा असर रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा बनने या नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के अलावा पार्टियों का सीधे कांग्रेस में...

  • पूर्णिया, बांसवाड़ा में कांग्रेस क्या करेगी?

    कांग्रेस पार्टी को कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों की बगावत का सामना करना पड़ रहा है। उसने जो सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ दी हैं उन सीटों पर भी उसके नेता चुनाव लड़ रहे हैं और नाम वापस नहीं लिया है। राजस्थान की बांसवाड़ा सीट पर सबसे दिलचस्प स्थिति है, जहां कांग्रेस ने अरविंद डामोर को अपना उम्मीदवार घोषित किया था और उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया था। बाद में कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी के बीच तालमेल हो गया और कांग्रेस ने यह सीट सहयोगी पार्टी के राजकुमार रौत के लिए छोड़ दी। पार्टी ने अरविंद डामोर को...

  • बिहार के बाहुबलियों की पत्नियां चुनाव लड़ रहीं

    बिहार और उत्तर प्रदेश बाहुबलियों की चुनावी राजनीति के लिए जाना जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में बिहार में ढेर सारे बाहुबली मैदान में उतरे हैं लेकिन फर्क यह है कि इस बार ने खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनकी पत्नियां चुनाव मैदान में हैं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर बाहुबली या तो सजायाफ्ता हैं या आम लोगों के बीच धारणा को लेकर पीछे हट गए हैं। कुछ बाहुबलियों की पत्नियां पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ी हैं लेकिन कुछ तो बिल्कुल नई हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। इसमें सबसे दिलचस्प किस्सा...

  • बिहार में राजद का एकतरफा सीट बंटवारा

    बिहार और उत्तर प्रदेश बाहुबलियों की चुनावी राजनीति के लिए जाना जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में बिहार में ढेर सारे बाहुबली मैदान में उतरे हैं लेकिन फर्क यह है कि इस बार ने खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनकी पत्नियां चुनाव मैदान में हैं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर बाहुबली या तो सजायाफ्ता हैं या आम लोगों के बीच धारणा को लेकर पीछे हट गए हैं। कुछ बाहुबलियों की पत्नियां पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ी हैं लेकिन कुछ तो बिल्कुल नई हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। इसमें सबसे दिलचस्प किस्सा...

  • पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय

    बिहार और उत्तर प्रदेश बाहुबलियों की चुनावी राजनीति के लिए जाना जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में बिहार में ढेर सारे बाहुबली मैदान में उतरे हैं लेकिन फर्क यह है कि इस बार ने खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनकी पत्नियां चुनाव मैदान में हैं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर बाहुबली या तो सजायाफ्ता हैं या आम लोगों के बीच धारणा को लेकर पीछे हट गए हैं। कुछ बाहुबलियों की पत्नियां पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ी हैं लेकिन कुछ तो बिल्कुल नई हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। इसमें सबसे दिलचस्प किस्सा...

  • पप्पू यादव और मुकेश सहनी क्या करेंगे

    बिहार और उत्तर प्रदेश बाहुबलियों की चुनावी राजनीति के लिए जाना जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में बिहार में ढेर सारे बाहुबली मैदान में उतरे हैं लेकिन फर्क यह है कि इस बार ने खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनकी पत्नियां चुनाव मैदान में हैं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर बाहुबली या तो सजायाफ्ता हैं या आम लोगों के बीच धारणा को लेकर पीछे हट गए हैं। कुछ बाहुबलियों की पत्नियां पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ी हैं लेकिन कुछ तो बिल्कुल नई हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। इसमें सबसे दिलचस्प किस्सा...

  • भागलपुर में जदयू नेता पर फायरिंग

    बिहार और उत्तर प्रदेश बाहुबलियों की चुनावी राजनीति के लिए जाना जाता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में बिहार में ढेर सारे बाहुबली मैदान में उतरे हैं लेकिन फर्क यह है कि इस बार ने खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उनकी पत्नियां चुनाव मैदान में हैं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर बाहुबली या तो सजायाफ्ता हैं या आम लोगों के बीच धारणा को लेकर पीछे हट गए हैं। कुछ बाहुबलियों की पत्नियां पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़ी हैं लेकिन कुछ तो बिल्कुल नई हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। इसमें सबसे दिलचस्प किस्सा...

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