Wednesday

30-04-2025 Vol 19

नीति बदल चुकी है

लद्दाख सेक्टर में बने बफर जोन्स का मुद्दा कायम है। सीमा विवाद पर चीन ने किसी बड़ी रियायत के मूड में हो, इसका संकेत नहीं है। उसके बावजूद संबंध बेहतर हो रहे हैं। तो क्या भारत की नीति बदल गई है?

भारत और चीन के बीच- कम से कम बयानों में- नया माहौल बना दिखता है। पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में की गई टिप्पणी से शुरुआत हुई थी और इस हफ्ते एक अमेरिकी पॉडकास्टर से उनकी बातचीत में उनकी टिप्पणी ने इसे नए मुकाम पर पहुंचाया है। मोदी ने भारत- चीन के बीच गहरे रहे ऐतिहासिक संबंधों की चर्चा की, चीन पर गौतम बुद्ध के प्रभाव का उल्लेख किया, और भविष्य को उस अतीत से जोड़ने की इच्छा जताई। कहा कि दोनों पड़ोसी देश हैं, जिनके बीच समय-समय पर मतभेद उभरना लाजिमी है। लेकिन मतभेद को विवाद में तब्दील नहीं होने देना चाहिए। फिर कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद है, 2020 में वहां कुछ (अवांछित) घटनाएं हुईं, लेकिन अब उनसे उबर कर दोनों देश संबंध को सामान्य बना रहे हैं।

इसमें उत्साह एवं उमंग लौटने में अभी वक्त लगेगा। मगर इन बातों से चीन उत्साहित हुआ है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता कहा- ‘दोनों देश सफलता एवं उपलब्धियों में द्विपक्षीय भागीदार हैं। ड्रैगन-हाथी के नृत्य जैसा सहयोग ही दोनों देशों के सामने अकेला सही विकल्प है।’ पड़ोसियों के बीच संबंध बेहतर हों, यह सबकी अपेक्षा रहती है। मगर प्रश्न है कि फिलहाल संबंधों में हो रहे सुधार की शर्तें क्या हैं। 2020 के बाद से लंबे समय तक भारत सरकार की ओर से लगातार कहा गया कि सीमा पर असामान्य स्थिति मौजूद रहते हुए बाकी संबंध सुधर नहीं सकते।

जबकि चीन की दलील रही कि सीमा विवाद हल होने में लंबा समय लगेगा। इस बीच दोनों देशों को व्यापार, जन संपर्क, एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाते रहना चाहिए। अब प्रधानमंत्री ने जो कहा है, उससे संकेत मिलता है कि भारत ने इसी लाइन को मंजूर कर लिया है। लद्दाख सेक्टर में बने बफर जोन्स का मुद्दा अभी कायम है। दरअसल, सीमा विवाद पर चीन ने किसी बड़ी रियायत के मूड में हो, इसका संकेत नहीं है। उसके बावजूद संबंध बेहतर हो रहे हैं, तो कहने का आधार बनता है कि भारत की नीति बदल गई है।

NI Editorial

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