नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता और तिमारपुर के पार्षद राजा इकबाल सिंह दिल्ली के नए मेयर होंगे। वे निर्विरोध चुने जाएंगे क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी के मेयर का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और दिल्ली के पार्टी अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को बताया कि उनकी पार्टी मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी। चूंकि भाजपा के पक्ष में स्पष्ट बहुमत है इसलिए आप ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। चुनाव 25 अप्रैल को होगा।
हालांकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा पर एमसीडी में गड़बड़ी का आरोप लगाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा ने पहले भी एमसीडी का चुनाव रुकवा दिया था। परिसीमन के दौरान वार्डों को इधर उधर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसीमन के दौरान जबरदस्त गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इतना करने के बावजूद भाजपा हार गई तो उसने पार्षदों की खरीद फरोख्त की या उनको तोड़ा।
सौरभ भारद्वाज ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद कहा, ‘बगैर किसी बाधा के भाजपा अपना मेयर बना ले और चार इंजन की सरकार को बिना कोई बहाना बनाए चलाएं और दिल्लीवालों को काम करके दिखाएं’। आप के इस फैसले के साथ ही दिल्ली मेयर के लिए भाजपा के उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचन अब तय हो गया है। आप के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भाजपा ने मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।
भाजपा ने राजा इकबाल सिंह को मेयर और जय भगवान यादव को डिप्टी मेयर का उम्मीदवार बनाया है। अगर आंकड़े देखें तो चुनाव होने पर भाजपा की जीत पक्की थी। एमसीडी में इस समय 238 पार्षद हैं। लोकसभा और राज्यसभा के सांसद, मनोनीत विधायक भी मिला लें तो कुल संख्या 262 पहुंचती है। यानी अपना मेयर बनाने के लिए 132 वोट की जरूरत है। भाजपा के 117 पार्षद, सात लोकसभा सदस्य और 11 मनोनीत विधायकों के वोट मिला दें तो आंकड़ा 135 पहुंच रहा है, जो बहुमत से तीन ज्यादा हैं। कांग्रेस के आठ पार्षद हैं, जो वोटिंग से गैरहाजिर रह सकते थे।