biren singh resign : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के पूर्व जिस अप्रत्याशित रूप से मणिपुर के मुख्यमंत्री विरेन सिंह से इस्तीफा लिया गया, वह चौंका देने वाला वाकया था।
दस महीने से ज्यादा समय से जातीय हिंसा में झुलस रहे मणिपुर में नेत्रत्व परिवर्तन की मांग काफी समय से की जा रही थी। परंतु मोदी – शाह की राजनीति में मंत्री की असफलता को कभी इस्तीफा देने का कारण नहीं मन गया !
फिर क्या हुआ की मणिपुर के मुख्यमंत्री से बीजेपी हाई कमान ने अचानक इस्तीफा ले लिया..? बताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायकों ने मुख्यमंत्री के विरुद्ध अचानक अविश्वास व्यक्त किया ! (biren singh resign)
कहा जाता है कि सत्तारूढ़ दल के 30 विधायकों ने दिल्ली में कहा था कि अगर विरेन सिंह को नहीं हटे जाता तब वे अगले विधानसभा सत्र में काँग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे !
विधायकों के रुख को देखते हुए नेताद्वय ने विरेन सिंह को इस्तीफा देने को कहा ! परंतु अंदर की खबर हैं कि प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की नाराजगी नहीं मोल लेना चाहते थे।
इसी लिए उन्होंने ईसाई कूकियों के ऊपर हुए अत्याचार की खबरों को खत्म करने की नजर से विरन सिंह को हटा दिया। (biren singh resign)
उनके इस्तीफे की मांग कूकी आदिवासी समुदाय 3 मई 2023 से कर रहा, जब उनके मार्च पर मतेई समुदाय के लोगों द्वारा हमला किया गया। कूकी लोग मतेई समुदाय को आदिवासी का आरक्षण दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
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व्हाइट हाउस में एक फैथ ऑफिस (biren singh resign)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प धरम के मामले में अत्यधिक संवेदनशील है। उन्होंने व्हाइट हाउस में एक फैथ ऑफिस खोले जाने का आदेश दिया हैं। जिसकी प्रमुख एवं गलिस्ट पौला व्हाइट हैं।
अब इसी एक निर्णय से समझा जा सकता है कि ट्रम्प अपने धरम को लेकर कितने संवेदनशील है, जबकि अभी तक हुए सभी राष्ट्रपति धरम को नितांत निजी मसला मानते रहे हैं। (biren singh resign)
ट्रम्प द्वारा भारत के अवैध आप्रवासियों को जिस तरीके से हथकड़ी और बेदी लगा कर स्वदेश भेजा, उससे भी भारतवासी नाखुश हैं, परंतु नरेंद्र मोदी जी को ट्रम्प की प्रसन्नता मोल लेने के लिए विरेन सिंह की कुर्बानी देनी पड़ी।
इसलिए यह समझना की मणिपुर में 20 माह से हो रही अशान्ति और जातीय झगड़े के कारण सत्तारढ़ दल ने अपने मोहरे की कुर्बानी दी है गलत होगा। (biren singh resign)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह
गौरतलब है कि मणिपुर में कूकी आदिवासी, ना केवल अल्प संख्यक है वरन वे ईसाई धर्मावलम्बी है। जबकि मैतेई सनातनी है।(biren singh resign)
माना जाता हैं की दिल्ली की सरकार के नेताओ की हिन्दू राष्ट्र के समर्थन की नीति के कारण ही 21 महीने तक राज्य में हीनक्ष का तांडव होता रहा और प्रारंभ में गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हुआ था।
उसके बाद सत्तारूढ़ दल ने दंगा ग्रस्त मणिपुर को अपने हाल पर छोड़ दिया। काँग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिन के दौरे पर वहां गए थे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह किया था की वे मणिपुर जाए और वहां शांति स्थापना का प्रयास करे,
परंतु चुनावी सफलता के मद में चूर दिल्ली सरकार को राजनीति ज्यादा पसंद थी शांति व्यवस्था की परवाह कम थी। (biren singh resign)
इसी दौरान सैकड़ों लोगों की हत्या और बलात्कार तथा आगजनी की घटनाएं हुई। कहा जाता है की ईसाई समुदाय के चर्चों को भी आग के हवाले किया गए।
विरेन सिंह का जाना तो निश्चित था (biren singh resign)
राष्ट्रपति ट्रम्प का ईसाई धरम से लगाव इसी बात से आँका जा सकता हैं की उन्होंने इतिहास मे पहली बार व्हाइट हाउस में आस्था अथवा फैथ का कार्यालय खोला है।
जिसकी प्रमुख एवंगुआलिस्ट पौला व्हाइट है। अब सहज ही समझ जा सकता है कि ट्रम्प का ईसाई धर्म के प्रति कितना लगाव हैं। (biren singh resign)
ट्रम्प ने एटार्नी जनरल पाम बोनडी को आदेश दिया हैं कि वे एक कार्यदल का गठन करे जो अमेरिका में ईसाइयों के शोषण को रोकने का प्रयास करे।
अब इन हालातों में विरेन सिंह का जाना तो निश्चित था। क्यूंकि ईसाई कुकी आदिवासीयों के प्रति हुए अत्याचार की कहानी वहां तक पहुँच गई।