Border Dispute
चीन की चिंता को दरकिनार कर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भारत आए। तीन दिन की अपनी यात्रा के दौरान वे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का मुख्यालय देखने भी गए।
केंद्र सरकार ने सीमा पर चीन के साथ बने गतिरोध को लेकर शुक्रवार को जवाब दिया। सरकार ने कहा कि दोनों देशों को वास्तविक नियंत्रण रेखा, एलएसी का कड़ाई से पालन करना चाहिए
पैंगोंग झील के ऊपर चीन के पुल बनाने की खबर को लेकर विदेश मंत्रालय ने बताया है कि चीन जहां पर पुल बना रहा है
चीन के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। उसने पूर्वी लद्दाख में भारत की जमीन कब्जाई है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर पहुंच गया है
चीन बारी बारी से भारत की सीमा पर नए नए मोर्चे खोल रहा है। उसका नया मोर्चा उत्तराखंड है। पहले उसने अरुणाचल प्रदेश में भारत को उलझाए रखा।
सीमाओं पर बीच-बीच में विवाद के मामले सामने आते रहे हैं. जानकारी मिली है कि लद्दाख में हुई तनातनी के बाद चीन ने अब उत्तराखंड में सीमा लांघी…
अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भारत की प्रतिक्रिया उसे महाशक्ति नहीं, बल्कि एक डरे हुए, कमजोर और हर घटना से तटस्थ देश के रूप में प्रस्तुत करती है।
एस जयशंकर चीन के विशेषज्ञ माने जाते हैं। प्रधानमंत्री खुद भी चीन के बारे में बहुत जानते हैं। आखिर वे चीन का सबसे ज्यादा बार दौरा करने वाले देश के मुख्यमंत्री रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने चीन के शी जिनफिंग प्रशासन से बहुत अच्छे संबंध रखे।
इसीलिए जब ये खबर आई कि असम सरकार ने अपने निवासियों को मिजोरम ना जाने की सलाह दी है, तो एक किस्म का सदमा लगा। लेकिन जल्द ही ये खबर भी आई कि मिजोरम में हाल में हुई हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में दायर एफआईआर में असम के मुख्यमंत्री को भी अभियुक्त बनाया गया है।
दो राज्यों के बीच सीमा विवाद को लेकर हिंसक झड़प में पांच पुलिसकर्मियों सहित छह लोगों के मारे जाने के बाद अब एक और अभूतपूर्व घटना हुई है। आजाद भारत के इतिहास में संभवतः पहली बार किसी राज्य की पुलिस ने दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री के ऊपर एफआईआर दर्ज की है
असल में यह केंद्र और राज्य दोनों के स्तर पर राजनीतिक नेतृत्व की विफलता है, जो आजादी के इतने बरस बाद भी राज्यों के बीच सीमा या भाषा का विवाद नहीं सुलझ सका है।
भारत हर संकट को अस्वीकार करने के मोड में है। सीमा विवाद है तो भारत का जवाब है- न कोई सीमा में घुसा है और न कोई घुस आया है। पेगासस जासूसी का मामला है तो भारत का जवाब है- न किसी ने जासूसी की है और न कोई जासूसी हुई है।
भारत अपनी ही सीमा में पीछे हटे और चीन भारत की सीमा से निकल कर अपनी पुरानी पोजिशन पर बैठे। इस तरह पूरा बफर जोन भारत की जमीन में बन जाएगा। यह चीन की ‘स्लाइसिंग मिलिट्री स्ट्रेटेजी’ है। जिस तरह किसी भी चीज के पतले पतले स्लाइस काटे जाते हैं वैसे ही चीन पड़ोसी देशों की सीमा पर उनकी जमीन के पतले-पतले टुकड़े काटता है और उस पर कब्जा करता जाता है। यह भी पढ़ें: विपक्ष में क्या हाशिए में होगी कांग्रेस? सारी दुनिया चीन को कठघरे में खड़ा कर रही है। जी-7 देशों के नेताओं ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन पर सीधी उंगली उठाई। चीन की परवाह किए बगैर जी-7 देशों ने ताइवान को तरजीह दी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने देश की खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति की जांच करके 90 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। चार देशों के क्वाड में शामिल तीन देश- अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी चीन पर सवाल उठाते रहते हैं। लेकिन भारत पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। क्वाड के चार देशों में भारत एकमात्र देश है, जिसकी सीमा चीन से लगती है और भारत ही चुप है। भारत एकमात्र देश है, जिसके साथ चीन… Continue reading भारत भी तो कुछ कहे चीन को!
चीन ने भारत की जमीन कब्जाई हुई है, पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में अपनी सेना तैनात किए हुए बैठा है, पिछले साल जून में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए और चीन को सबक सिखाने के लिए भारत सरकार ने उसके एक सौ से ज्यादा मोबाइल ऐप बंद कर दिए।लेकिन हकीकत यह है कि भारत और चीन के बीच इस साल के पहले पांच महीने में दोतरफा कारोबार डेढ़ गुना से ज्यादा हो गया। चीन की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक पहले पांच महीने में कारोबार 70 फीसदी बढ़ा है लेकिन भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इसमें 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह भी पढ़ें: मौत का आंकड़ा कितना होगा? सोचें, कहां तो देश के महाप्रतापी प्रधानमंत्री द्वारा चीन को सबक सीखा देने की खबरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं और कहां दोतरफा कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। चीन के आंकड़ों के मुताबिक इस साल के पहले पांच महीने में दोनों देशों के बीच 48 अरब डॉलर का कारोबार हुआ है। भारत के आंकड़ों के मुताबिक दोतरफा कारोबार करीब 45 अरब डॉलर का है। अगर भारत के आंकड़ों पर ही यकीन… Continue reading भारत-चीन का कारोबार डेढ़ गुना बढ़ा
भारत सरकार को सावधान रहना चाहिए। चीन अपनी तैयारी कर रहा है। वह पीछे नहीं हटा है और न उसका इरादा बदला है। भारत में सरकारें जिस समय सबसे ज्यादा भरोसे में और शांति की उम्मीद में रहती हैं उसी समय चीन ने धोखा दिया था। याद करें 2017 के डोकलाम घटनाक्रम को उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ अपनी दोस्ती को लेकर कितने भरोसे में थे। लेकिन चीन ने डोकलाम कर दिया। इसी तरह पिछले साल कोरोना की महामारी में देश अपने लोगों को बचाने में लगा था तब चीन ने लद्दाख में घुस कर जमीन कब्जाई और भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प की। उसी तरह कोरोना की दूसरी लहर को भी वह मौका बनाने की तैयारी में है। तभी सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को कहना पड़ा कि लद्दाख में अब भी भारत के 60 हजार जवान तैनात हैं। उनके कहने को आशय यह था कि भारत सजग है और उसकी अपनी तैयारी कम नहीं की है। पर असल में चीन के साथ चल रही सैन्य स्तर की वार्ता और पैंगोंग झील इलाके में चीन के पीछे हटने के बाद भारत लापरवाह हुआ है। दूसरी ओर चीन इसी इलाके में डटा… Continue reading चीन अपनी तैयारी में लगा है