भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को गारंटी शब्द पसंद आ गया है। कांग्रेस ने सबसे पहले कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में इसका इस्तेमाल किया था। उसने पांच गारंटी की घोषणा की थी और बड़े अंतर से चुनाव जीती थी। उसके बाद वह पांच राज्यों के चुनाव में गारंटी शब्द का इस्तेमाल कर रही हैं। कहीं सात गारंटी तो कहीं छह गारंटी की घोषणा हो रही है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर कांग्रेस के मुख्यमंत्री और प्रदेश के नेता इस शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस की गारंटी का मजाक उड़ाते थे। पहले तो इसी गारंटी को मुफ्त की रेवड़ी कहा जाता था। लेकिन अब मुफ्त की रेवड़ी का जुमला नहीं बोला जाता है। अब भाजपा ने भी गारंटी शब्द का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने संकल्प पत्र के नाम से जो घोषणापत्र जारी किया उसमें उसने राज्य की जनता को कोई गारंटी दी है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि राज्य में हो रहे चुनाव में गारंटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से दी गई है। इसमें मोदी की गारंटी कहा गया है। यानी भाजपा जीती तो गारंटियों को मोदी पूरा करेंगे। इसमें मुफ्त में कई चीजें लोगों को देने की घोषणा की गई है। सोचें, जिन चीजों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी खुद मुफ्त की रेवड़ी का जुमला बोलते थे वहीं चीजें देने की गारंटी वे खुद कर रहे हैं! उनकी पार्टी विवाहित महिलाओं को 12 हजार रुपए हर साल देगी तो रसोई गैस का सिलेंडर पांच सौ रुपए में देगी। इस तरह की कई योजनाएं मोदी की गारंटी में शामिल हैं। कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाया है और कहा है कि अगर भाजपा चाहती है कि लोग उसकी गारंटी पर यकीन करे तो अभी जिन 10 राज्यों में उसकी सरकार है वहां इन योजनाओं को तत्काल लागू करे। कांग्रेस ने कहा है कि अपने शासन वाले हर राज्य में भाजपा पांच सौ रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देना शुरू करे तभी उसकी गारंटी का कोई मतलब रह जाएगा।