nirmala sitharaman
निर्मला सीतारमण के वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करने के बाद से ही एक तबका इस बात का जश्न मना रहा है कि सरकार ई-यूनिवर्सिटी खोलने जा रहा है
इस रूप में यह बजट सरकार की पॉलिटकल इकॉनमी को भी और मजबूत करता है। मोदी सरकार की पॉलिटिकल इकॉनमी इजारेदार क्रोनी पूंजी और हिंदुत्व के भावनात्मक माहौल पर टिकी हुई है।
केंद्र सरकार के बजट में मध्य प्रदेश की केन बेतवा लिंक परियोजना पर 44 हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च की जानी हैI
कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए संसद के कामकाज (Budget Session 2022) को भी आज से दो शिफ्ट में बांट दिया गया है। जिसके अनुसार, सुबह राज्यसभा की कार्यवाही चलेगी और शाम को लोकसभा की कार्यवाही।
देश की अर्थव्यवस्था के प्रति सरकार का कैसा लापरवाह नजरिया है, इसकी एक मिसाल भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार पद के प्रति उसका रुख है।
हिसाब घर का हो या देश का, वह सच्चाई में होना चाहिए! उस नाते सोचें कि सन् 2016 में नोटबंदी के बाद से हमारे घर-परिवार और भारत देश की कमाई-खर्च का क्या सत्य है?
इस साल का जो बजट पेश किया गया है, उसे भाजपा के नेता अगले 25 साल और 100 साल तक के भारत को मजबूत बनाने वाला बजट बता रहे हैं और विपक्षी नेता इसे बिल्कुल बेकार और निराशाजनक घोषित कर रहे हैं।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों में कमी के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की थी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना चौथा बजट पेश किया और कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क घटाने का ऐलान किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में भारतीय रेलवे के लिए एक लाख 40 हजार करोड़ रुपए से कुछ ज्यादा का प्रावधान किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 68 फीसदी खरीद घरेलू कंपनियों से करने का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा- यह बजट आम लोगों का बजट है। उन्होंने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में जीएसटी की व्यवस्था की भी जम कर तारीफ की।
देश में आगामी चुनावों को देखते हुए ज्यादा कुछ बोझ जनता पर नहीं डाला गया है। बजट में सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। जिनमें से की घोषणाओें से लोगों की जेब पर भार बढ़ेगा तो कुछ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख बेरोजगारों और युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी। मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी।