PDP
jammu and kashmir Congress PDP : यह कुछ कुछ इस तरह का सवाल है कि पहले अंडा आया या मुर्गी आई। जम्मू कश्मीर में पार्टियों के बीच इस बात पर बहस छिड़ी है कि पहले राज्य का दर्जा बहाल किया जाए या पहले विधानसभा के चुनाव कराए जाएं। केंद्र सरकार चाहती है कि परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव हो जाए और तब राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। दूसरी ओर कांग्रेस, पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस सहित सभी पार्टियों का कहना है कि पहले राज्य का दर्जा बहाल हो। अब सवाल है कि चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल होने से जमीनी स्तर पर क्या बदलाव होगा? इससे असल में कुछ नहीं बदलेगा। राज्य में विधानसभा भंग है और अभी राज्य का दर्जा बहाल कर देने के बाद भी राज्यपाल शासन ही लगा रहेगा। पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने का फायदा तब है, जब चुनाव हो जा जाए। यह भी पढ़ें: मुकुल रॉय क्यों नहीं इस्तीफा दे रहे! jammu and kashmir Congress PDP तभी सवाल है कि जब राज्यपाल शासन ही लगा रहना है तब राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए दबाव बनाने का क्या मतलब है? इस दबाव के दो-तीन कारण हैं। पहला कारण तो यह है कि… Continue reading पहले राज्य का दर्जा बहाल हो या चुनाव हो!
PM Modi Kashmir Meeting श्रीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर की सभी पार्टियों की एक बैठक 24 June को बुलाई है। दो दिन के विचार-विमर्श के बाद पार्टियों ने तय किया है कि वे इस बैठक में हिस्सा लेंगे। पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकर डिक्लरेशन यानी गुपकर एलायंस के नेताओं की एक बैठक मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला के घर पर हुई, जिसमें पीएम की बुलाई बैठक में शामिल होने का फैसला किया गया। इस बैठक के बाद पीडीपी ने यह भी कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए। फारूक अब्दुल्ला के घर मंगलवार को हुई बैठक के बाद पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा- बीते दिन सरकार तालिबान से बात कर रही थी। जब तालिबान से बात हो सकती है तो पाकिस्तान से क्यों नहीं? उन्हें अवाम के लिए जम्मू कश्मीर के नेताओं से भी बात करनी चाहिए। इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जिन्हें भी प्रधानमंत्री की तरफ से न्योता भेजा गया है, वे सभी 24 जून को मीटिंग में जाएंगे और गृह मंत्री से भी मुलाकात करेंगे। पवार के घर पर जुटे विपक्षी नेता बैठक में शामिल हुए गुपकर एलायंस के प्रवक्ता यूसुफ तरीगामी ने कहा- हम… Continue reading बैठक में होंगी कश्मीर की पार्टियां
श्रीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई जम्मू कश्मीर की सभी पार्टियों के नेताओं की बैठक के मसले पर गुपकर एलायंस के नेता साझा फैसला कर सकते हैं। इस मसले पर शनार को पूर् मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी के नेताओं के साथ मीटिंग की। राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि पार्टी बैठक में शामिल हो या नहीं। लेकिन इस पर फैसला नहीं हो सका। अब कहा जा रहा है कि नेशनल कांफ्रेंस और गुपकर एलांयस की दूसरी पार्टियों से बात करके महबूबा इस बारे में फैसला करेंगी। पीडीपी के प्रवक्ता सैयद सुहेल बुखारी ने बैठक के बाद कहा- सभी सदस्यों ने तय किया है कि इस पर अंतिम फैसला महबूबा मुफ्ती ही लेंगी। अगले दो दिनों में गुपकर अलायंस की बैठक भी होगी। मामले पर वहां भी चर्चा की जाएगी। इससे पहले महबूबा मुफ्ती के मामा और पीडीपी के नेता सरताज मदनी को शनिवार को रिहा कर दिया गया। मदनी पिछले छह महीने से नजरबंदी में थे। उनकी रिहाई पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बाकियों की रिहाई की मांग भी की है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की बुलाई बैठक से पहले… Continue reading गुपकर नेता करेंगे साझा फैसला
जम्मू कश्मीर में क्या अगले साल फरवरी-मार्च में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ चुनाव हो सकता है? पिछले कई दिनों से इसकी अटकलें लगाई जा रही थीं और 24 जून को जम्मू कश्मीर की पार्टी की सर्वदलीय बैठक बुला कर केंद्र सरकार ने इन अटकलों की काफी हद तक पुष्टि कर दी है। पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस सहित दूसरी सभी पार्टियों को परिसीमन के मसले पर विचार के लिए बुलाया गया है। हालांकि परिसीमन का काम अपनी गति से चल रहा है। ध्यान रहे केंद्र सरकार ने पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसमीन आयोग का गठन किया था। इस साल फरवरी में इसका कार्यकाल एक साल और बढ़ा दिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त सहित सभी चुनाव आयुक्त इसके पदेन सदस्य हैं। यह भी पढ़ें: दिल्ली में बैठे रहते हैं कांग्रेस के प्रभारी परिसीमन आयोग अपने काम के दौरान राज्यों की पार्टियों से संपर्क करता है और उनकी राय लेता है। इसके लिए केंद्र सरकार के सर्वदलीय बैठक बुलाने की जरूरत नहीं होती है। केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है तो निश्चित रूप से उसका मकसद परिसीमन से ज्यादा है। तभी यह चर्चा तेज हो गई है कि… Continue reading कश्मीर में पांच राज्यों के साथ चुनाव?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से प्रदेश की एक दर्जन से ज्यादा पार्टियों को न्योता भेजा गया है। माना जा रहा है कि परिसीमन और राज्य में विधानसभा चुनाव के बारे में इस बैठक में चर्चा होगी। गौरतलब है कि करीब ढाई साल पहले नवंबर 2018 में राज्य विधानसभा भंग कर दी गई थी और उसके बाद अगस्त 2019 में राज्य का बंटवारा करके दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। उसके बाद पहली बार राज्य में राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को अपने आवास पर कश्मीर की पार्टियों के साथ सर्वदलीय बैठक करेंगे। इस बैठक के लिए नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सहित 14 पार्टियों के नेताओं को न्योता भेजा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मीटिंग की पुष्टि की है। पीएमओ के मुताबिक, सभी नेताओं को फोन पर मीटिंग में शामिल होने के लिए सूचित कर दिया गया है। यह भी बताया गया है कि बैठक से पहले इन्हें कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और भाजपा के रविंदर रैना ने मीटिंग की पुष्टि की है। खबरों के… Continue reading कश्मीर के नेताओं से मिलेंगे पीएम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि सरकार जल्दी ही जम्मू कश्मीर की पार्टियों से बातचीत शुरू करेगी। यह बातचीत जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने और वहां चुनावी प्रक्रिया को शुरू कराने के बारे में होगी। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बारे में कश्मीर की पार्टियों से बात हो गई है और नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी सहित आधा दर्जन प्रमुख दलों ने वार्ता के लिए सहमति दे दी है। गौरतलब है कि जून 2018 में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था, क्योंकि उससे पहले भाजपा और पीडीपी का गठबंधन खत्म हो गया था। बाद में साल के अंत में जब पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिल कर सरकार बनाने का फैसला किया तो केंद्र सरकार ने राज्यपाल की रिपोर्ट पर आनन-फानन में विधानसभा भंग कर दी। उसके बाद से वहां पर चुनावों को लेकर कोई भी सियासी हलचल नहीं हुई है। इसके करीब एक साल बाद अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया और साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए। इस समय… Continue reading कश्मीर की पार्टियों से बात करेगी सरकार
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को अभी मुश्किलों से मुक्ति नहीं मिलने वाली है। भाजपा ने उनको प्रतीक बना कर जम्मू कश्मीर में सौ फीसदी ध्रुवीकरण की ठान ली है, जैसे उत्तर प्रदेश में किया गया है।
जम्मू कश्मीर में बड़े जोश-खरोश के साथ गुपकर एलायंस का गठन हुआ था। राज्य की छह पार्टियां इसमें शामिल हुई थीं। लेकिन अब यह गठबंधन बिखरने की कगार पर है।
जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों के नतीजे को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश। इसे अपनी जीत बताया।
जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद के चुनाव-परिणामों का क्या अर्थ निकाला जाए? उसकी 280 सीटों में से गुपकार गठबंधन को 144 सीटें, भाजपा को 72, कांग्रेस को 26 और निर्दलीयों को बाकी सीटें मिली हैं।
जम्मू कश्मीर में हुए जिला विकास परिषद यानी डीडीसी चुनाव के नतीजों के कई सबक हैं और साथ ही सवाल भी। इनमें से कुछ सवाल पूरे देश के लिए हैं और कुछ वहां के स्थानीय नागरिकों और पार्टियों के लिए।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा शोपियां जिला विकास परिषद (डीडीसी) सीट पर उच्च
जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय के चुनावों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुपकर घोषणापत्र गठबंधन
जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों को सद्बुद्धि आ गई है। पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लरेशन यानी पीएजीडी बनाने वाली पार्टियों ने ऐलान किया है कि वे डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कौंसिल यानी डीडीसी के चुनाव में हिस्सा लेंगी।
पिछले वर्ष पांच अगस्त को केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित