भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जबरदस्त मुकाबला चल रहा है जिसको समझने के लिए आपको लोगों से बात करना जरूरी है यदि आप गाड़ी में बैठकर बिना किसी से बात किये निकलेंगे तो आपको भाजपा के प्रचार अभियान से एक तरफ जीत दिखाई देगी लेकिन गाड़ी रोक कर लोगों से बात करेंगे तो आपको लगेगा मामला एक तरफ का नहीं है कांटे के मुकाबले का है क्योंकि भाजपा के अधिकांश प्रत्याशी जहां हाई प्रोफाइल तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं कांग्रेस के अधिकांश प्रत्याशी लोप्रोफाइल रहकर चुनाव लड़ रहे हैं।
दरअसल, भाजपा के प्रत्याशियों ने घोषणा के तुरंत बाद से ही क्षेत्र को झंडा बैनरो और दीवार लेखन से पाट दिया। इसके बाद व्यापक जनसंपर्क शुरू कर दिया एवं इस समय स्टार प्रचारको की धुआंधार सभाये हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ प्रदेश के स्टार प्रचारक एक दिन में तीन चार सभाये कर रहे हैं। कुछ विधानसभा में तीन से चार स्टार प्रचारकों की सभाएं हो रही है। इसके साथ-साथ भाजपा के पदाधिकारी और अन्य राज्यों के मंत्री सांसद विधायक डेरा डाले हुए हैं जो लगातार फीडबैक के आधार पर रणनीति बना रहे हैं।
वही दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के प्रत्याशी घोषणा के तुरंत बाद जनसंपर्क पर निकल गए। सुबह कार्यालय में कार्यकर्ता से मेल मुलाकात और देर रात तक क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं। जहां-जहां भाजपा के हैवीवेट प्रत्याशी है वहां कांग्रेस के प्रत्याशी प्रचार – प्रसार में काफी पीछे हो गए लेकिन यह भी आश्चर्यजनक है कि इन क्षेत्रों में भी कांग्रेस के प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ-साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सभाएं कर रहे हैं।
कुल मिलाकर 17 नवंबर को प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा के चुनाव के लिए 7 नवंबर से 30 नवंबर तक ओपिनियन पोल के प्रसारण पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है। 6 नवंबर तक अधिकांश सर्वे टीमों ने जो आंकड़े दिए हैं उसमें अधिकांश ने कांग्रेस को मामूली बढ़त देते हुए कांटे का मुकाबला बताया है लेकिन कहीं-कहीं त्रिकोणीय, चतुष्कोणीय मुकाबले के चलते ऊंट किस करवट बैठेगा कहा नहीं जा सकता लेकिन भाजपा ने हाईटेक और हाई प्रोफाइल चुनाव लड़कर अपना माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन मतदाता किसका माहौल बनायेगा यह तो 3 दिसंबर को ही तय होगा।