भोपाल। राजनीतिक गलियारों में इस समय यही एक यक्ष प्रश्न पूछा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का अगला कदम क्या होगा यदि वे भाजपा में जाते हैं तो कितने लोगों को साथ लेकर जाते हैं और वह नहीं जाते तो उनके पुत्र और उनके साथ कितने लोग भाजपा में जाते हैं ऐसे तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। कमलनाथ दिल्ली में है और उनके समर्थक भी दिल्ली पहुंच रहे हैं।
दरअसल, शनिवार को छिंदवाड़ा से दिल्ली रवाना होने के पूर्व मीडिया से चर्चा करते हुए कमलनाथ ने जब यह कहा जो भी होगा आप लोगों को बता दिया जाएगा। इसके बाद से ही कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ के भाजपा में जाने को लेकर कयासबाजी बढ़ गई। धीरे-धीरे कमलनाथ के समर्थक भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। हालांकि दिल्ली पहुंचने के बाद पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के स्वर बदल गए हैं लेकिन जिस तरह से चर्चाएं चल रही है उस पर विराम कमलनाथ ही लगा सकते हैं। वही बता सकते हैं कि उनका अगला कदम क्या होगा। इस बीच चर्चा तो यह भी चल रही है कि कमलनाथ कम से कम 22 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ेंगे।
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यदि इतने विधायक एक साथ भाजपा में शामिल होंगे तो इन विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देना पड़ेगा और उनकी विधायकी भी बरकरार रहेगी। इसलिए कमलनाथ की कोर टीम की कुछ लोग लगातार पार्टी के विधायकों से संपर्क में बने हुए हैं। जैसे ही कमलनाथ की ओर से कोई संकेत मिलेंगे वैसे ही उनके गुट के माने जाने वाले विधायक उसके अनुसार ही आगे का कदम तय करेंगे। वहीं दूसरी ओर कमलनाथ के साथ कम से कम विधायक पार्टी छोड़ें इसके लिए कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और उनकी टीम सक्रिय है।
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लगातार विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। कमलनाथ समर्थक कांग्रेस पदाधिकारी से भी संपर्क साधा जा रहा है जिससे कम से कम लोग यदि कमलनाथ पार्टी छोड़ते हैं तो उनके साथ जाएं। बहरहाल, यदि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस पार्टी छोड़ते हैं तो पार्टी को महाकौशल में तो नुकसान होगा ही बुंदेलखंड चंबल ग्वालियर और मालवा में भी झटका लगेंगे क्योंकि लंबे अरसे से कमलनाथ अपने समर्थकों को टिकट दिलाते रहे हैं। मंत्री बनवाते रहे हैं पार्टी में पद भी दिलाते रहे और व्यक्तिगत काम भी कराते रहे हैं और एक लंबी सूची उनके साथ पार्टी छोड़ने वालों की हो सकती है।
सूत्रों की माने तो कमलनाथ यदि भाजपा में शामिल होते हैं तो किस भूमिका में रहेंगे। इसको लेकर मंथन चल रहा है यह भी चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के पार्टी के प्रवेश पर विरोध जताया है।
कुल मिलाकर कमलनाथ का अगला कदम क्या होगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जिन शर्तों के साथ उनकी भाजपा के साथ बात चल रही है। उसमें से कितनी शर्तें उनकी मानी जाती है। अन्यथा यह भी हो सकता है कि वे नकुलनाथ को भाजपा ज्वाइन करा दें और खुद राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दें। पिछले 24 घंटे में जिस तरह से अटकलें चल रही है उससे कमलनाथ के अगले कदम का इंतजार उनके समर्थकों को बेसब्र कर रहा है।