सरकार में रहते अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के दूसरे नेता दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते थे और आरोप लगाते थे कि दिल्ली गैंगेस्टर कैपिटल बन गई है। आए दिन दिल्ली में गैंगवार की खबरें आती हैं या अलग अलग गैंग के लोगों द्वारा रंगदारी वसूलने या अपहरण करके फिरौती मांगने की खबरें आती हैं। अब एक तरह से केंद्र सरकार ने भी माना है कि दिल्ली में गैंगेस्टर बढ़ गए हैं और उन पर काबू पाना चुनौती बन गई है। केंद्र सरकार ने दिल्ली के गैंगेस्टर कैपिटल होने की बात पर मुहर लगाते हुए माना है कि दिल्ली में कम से कम 95 गैंग ऑपरेट कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली में 95 गैंग चल रहे हैं, जिनके ऊपर साढ़े पांच हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। सरकार इन गैंग्स का कुछ नहीं कर पा रही है क्योंकि इनमें से कई बड़े गैंगेस्टर तो ऐसे हैं, जो विदेश में बैठे हैं। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, इटली जैसे देशों में बैठ कर अपराधी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में गैंग चला रहे हैं। इनके अलावा कुछ गैंगेस्टर जेलों में बंद हैं। एक बड़ा गैंगेस्टर तो गुजरात की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है और उसके नाम पर देश भर में धमकियां दी जा रही हैं, वसूली हो रही है और हत्याएं हो रही हैं। देश के ज्यादातर राज्यों में पुलिस ने कार्रवाई की है और संगठित अपराध को खत्म किया या कम किया है। बिहार जैसे राज्य में भी अब संगठित अपराध बहुत कम हो गया है। लेकिन जैसे जैसे देश में कम हुआ है वैसे वैसे राजधानी दिल्ली में संगठित अपराध बढ़ रहा है।