कांग्रेस पार्टी में ऐसे ही होता है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार के दौरे पर गए, जहां बक्सर में उनकी रैली रखी गई। उस रैली में तीन हजार कुर्सियां लगाई गईं और एक हजार लोगों के लिए खाना बनवाया गया इसके बावजूद रैली में तीन सौ लोग पहुंचे। खड़गे इससे इतने आहत हुए कि मंच पर भाषण देने खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि, ‘जो चंद लोग मुझे सुनने आए हैं उनका धन्यवाद’। इस फ्लॉप रैली के बाद कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया। सवाल है कि रैली फ्लॉप हुई तो क्या वह अकेले जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी थी?
आखिरी बक्सर के सांसद राजद के सुधाकर सिंह हैं और अगल बगल की तीन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों के सांसद हैं। अगर कांग्रेस ने सोचा है कि सहयोगी पार्टियों को दबाव में रखना है ताकि ज्यादा सीट हासिल कर सकें तो राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली में ज्यादा ताकत लगानी चाहिए थी। मुश्किल यह है कि कांग्रेस ने अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर समूचा इकोसिस्टम बिगाड़ दिया है। इस वजह से समस्या हो रही है।
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