एक चर्चा यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी के संगठन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में एक साथ फेरबदल होगी। लेकिन यहां मुश्किल यह है कि अचानक पार्टी में बदलाव की चर्चा थम गई है। पिछले महीने एक के बाद एक आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हुई। महाराष्ट्र से लेकर तेलंगाना, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई। ध्यान रहे 14 प्रदेशों में संगठन का चुनाव होने के बाद सारी प्रक्रिया ठहर गई थी। कई महीनों तक सब कुछ रूका रहा। अचानक प्रदेशों में संगठन चुनाव हुए तो कहा गया कि जुलाई में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी फैसला हो जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए देश के आधे राज्यों में संगठन चुनाव होने की अनिवार्यता पूरी हो गई है। यानी अब राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किसी भी समय हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की सहमति बन जाने की बात कही जा रही है। पता नहीं फिर भी क्यों मामला अटका है।
अगर अगले पांच दिन में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा तो फिर उसके लिए भी एक महीने का इंतजार करना पड़ सकता है। उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी। तभी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर एक बार फिर संशय बन गया है। जेपी नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर साढ़े पांच साल काम कर चुके, जबकि कार्यकाल तीन ही साल का होता है। बहरहाल, कहा जा रहा है कि इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संगठन में बड़ा बदलाव होगा। नए चेहरों को पार्टी महासचिव और सचिव बनाया जाएगा। हर बार की तरह यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार के कुछ मंत्री संगठन में भेजे जाएंगे और संगठन के लोगों को सरकार में जगह मिलेगी। प्रदेशों से नए चेहरे मोदी सरकार में लाए जाएंगे।