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  • शाक्तमत की शुरूआत और विकास

    शाक्त मत में शक्ति को ही विश्व का प्रधान ईश्वर माना जाता है। शाक्तों की ईश्वर संबंधी धारणा स्त्रैण है। विश्व के किसी भी अन्य धर्म में ईश्वर को स्त्री रूप में नहीं पूजित किया गया है। उसे ईश्वर की सहायक शक्ति अवश्य कहा गया है, किन्तु एकमात्र शाक्त मत में ही संसार की सर्वोपरि सत्ता एक नारी है। इस अवधारणा ने शैव, वैष्णव, जैन और बौद्ध धर्म सभी मतों को प्रभावित किया। वैदिक मतानुसार जगत के निर्माणकर्त्ता, पृथ्वी आदि जड़ और जीव से अतिरिक्त सब सृष्टिगत पदार्थों में पूर्ण पुरुष ईश्वर है। आरंभ में उस एकमात्र निराकार ईश्वर के...

  • सबको धार्मिक ध्रुवीकरण की चिंता

    देश की राजनीति बुनियादी रूप से बदल चुकी है। सेकुलर राजनीति करने वाली पार्टियां भी धार्मिक ध्रुवीकरण की चिंता में फैसले कर रही हैं। रमजान के महीने में होने वाली पार्टियों के इफ्तार दावतें अब लगभग बंद हो गई हैं, जिसे सबने नोटिस किया। पिछले दिनों केरल की वायनाड सीट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नामांकन के समय कांग्रेस का झंडा इसलिए नहीं लहराया गया क्योंकि पार्टी नेताओं को डर था कि कांग्रेस के साथ साथ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का झंडा भी लहराना होगा और भाजपा पहले की तरह दावा कर सकती है कि पाकिस्तान के झंडा लहराए...

  • ज्ञानवापी के बाद अब भोजशाला के सर्वे का आदेश

    भोपाल। मध्य प्रदेश के धार में स्थित भोजशाला का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण होगा। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने अपने आदेश में कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई भोजशाला (Bhojshala premises) की ऐतिहासिकता का वैज्ञानिक और तकनीकी सर्वेक्षण करे। Bhojshala premises जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस देव नारायण मिश्र की पीठ ने सर्वेक्षण का आदेश दिया है। इससे पहले वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाही ईदगाह के भी सर्वेक्षण का आदेश अलग अलग अदालतों ने दिया था। बहरहाल, दो जजों की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि विशेषज्ञ कमेटी दोनों पक्षकारों के प्रतिनिधियों की...

  • नफरत के नए-नए जुमले आ रहे है!

    कहते है जब से  देश में मोदी सरकार आई है, तब से देश में ‘असहिष्णुता’ बढ़ गई है। सच तो यह है कि भारत में 'घृणा' न तो मई 2014 से बढ़ी है और न ही इसका संबंध कुछ दशक पुराना है। इसकी जड़े सदियों पुरानी है। कालांतर में छल-बल से मतांतरण, नरसंहार, गोवा इंक्विज़िशन, भारत का रक्तरंजित विभाजन और कश्मीर का 1989-91 घटनाक्रम आदि इसके प्रमाण है। विडंबना है कि जो लोग ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलकर बैठे है, उनके गोदाम से घृणा के उत्पाद एक-एक करके बाहर आ रहे है। मंगलवार (5 दिसंबर) को आई.एन.डी.आई. गठबंधन के महत्वपूर्ण अंग...

  • धन्वंतरि जैसे ही थे वैद्य अश्विनी कुमार

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • संघ-परिवार: हिन्दुओं का बंटाधार

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • ‘सनातन’ रहेगा सनातन!

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • हिंदी और हिंदू प्रतीकों का इस्तेमाल बढ़ा

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • बार-बार ‘हिंदू-मुसलमान’ करने वाले कौन?

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • हम कितने-कैसे मूर्ख?

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • सांप्रदायिकता एक सोच है या रणनीति?

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • स्थायी तनाव से चुनावी फायदा

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • कांटों की पकी फसल

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • हम हिंदुओं का दिमाग!

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • हिंदू राष्ट्रवादी, टुकड़ा-टुकड़ा खेल!

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • कब तक चलाएंगे हिंदू बनाम मुसलमान?

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • जुलूसो की राजनीति की आड़ में धर्म के नाम पर हुड़दंग

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • हिंदुओं की भी किसे फिक्र?

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • चुनाव समाज के मुद्दों पर नहीं- बाबाओं के पाखंड के सहारे होंगे…?

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

  • आगामी चुनावों को ‘पोलराइज’ करने के लिए सपा-भाजपा की मिलीभगत : मायावती

    वैदिक तैंतीस देवताओं की सूची में अश्विनी कुमारों का नाम भी शामिल है। स्वामी दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार ईश्वर एक है, और सिर्फ वही उपासनीय है। ऋग्वेद 1/164/ 39 के अनुसार जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है।...अश्विनि कुमारों को देवों का वैद्य कहा गया है। यहां देव का भावार्थ मनुष्य से है। अश्विनी कुमारों की क्षमता इतनी है कि च्यवन अर्थात वृद्ध को युवा बना दिया। प्राचीन भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यंत विकसित था। धन्वंतरि, सुश्रुत, चरक सदृश्य अनेक ऋषि- मुनियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान प्रदान...

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